भूमिका
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। अतः किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं जिसमें एक है प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई)। इस योजना की शुरूआत अगस्त 2017 में की गयी। यह योजना पूरी तरह कृषि केन्द्रित योजना है। इस योजना से 20 लाख किसान लाभान्वित होंगे। इस किसान सम्पदा योजना का उद्देश्य कृषि का आधुनिकीकरण करना और कृषि-बर्बादी को कम करना है।
भारत सरकार ने 14वें वित्त आयोग चक्र की सह-समाप्ति के साथ वर्ष 2016-20 तक की अवधि के लिए 6,000 करोड़ रुपए के आवंटन से एक नई केंद्रीय क्षेत्र स्कीम- प्रधान मंत्री किसान सम्पदा योजना (कृषि-समुद्री प्रसंस्करण एवं कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर विकास स्कीम) को अनुमोदन दिया है । इस स्कीम का कार्यान्वयन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जाएगा । प्रधान मंत्री किसान सम्पदा योजना एक व्यापक पैकेज है जिसके परिणामस्वरूप खेत से लेकर खुदरा बिक्री केंद्रों तक दक्ष आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना का सृजन होगा । इससे, देश में न केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की वृद्धि को तीव्र गति प्राप्त होगी बल्कि यह किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने तथा किसानों की आय को दुगुना करने, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के भारी अवसरों का सृजन करने, कृषि उपज की बर्बादी में कमी लाने, प्रसंस्करण तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात के स्तर को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा ।
योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का उद्देश्य कृषि न्यूनता पूर्ण करना, प्रसंस्करण का आधुनिकीकरण करना और कृषि-बर्बादी को कम करना है।
वित्तीय आवंटन
6,000 करोड़ रुपए के आवंटन से प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना से 2019-20 तक देश में 31,400 करोड़ रुपए के निवेश के लैवरेज होने, 1,04,125 करोड़ रुपये मूल्य के 334 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पाद के संचलन, 20 लाख किसानों को लाभ प्राप्त होने और 5,30,500 प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है।
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के अंतर्गत स्कीमों का कार्यान्वयन
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना एक व्यापक पैकेज है जिसके परिणामस्वरूप खेत से लेकर खुदरा बिक्री केंद्रों तक दक्ष आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना का सृजन होगा । इससे, देश में न केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की वृद्धि को तीव्र गति प्राप्त होगी बल्कि यह किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने तथा किसानों की आय को दुगुना करने, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के भारी अवसरों का सृजन करने, कृषि उपज की बर्बादी में कमी लाने, प्रसंस्करण तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात के स्तर को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा ।
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के विभिन्न स्कीम
खाद्य प्रसंस्करण एवं परिरक्षण क्षमताओं का सृजन/विस्तार
कृषि प्रसंस्करण कलस्टर अवसंरचना
बैकवर्ड और फारवर्ड लिंकेजों का सृजन
खाद्य संरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना
योजना का प्रभाव
- पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन से आधुनिक आधारभूत संरचना का निर्माण और प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला तथा फार्म के गेट से खुदरा दुकान तक प्रभावी प्रबंधन हो सकेगा।
- इससे देश में खाद्य प्रसंस्करण को व्यापक बढ़ावा मिलेगा।
- इससे किसानों को बेहतर मूल्य पाने में मदद मिलेगी और यह किसानों की आमदनी दोगुना करने के दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इससे रोजगार के बड़े अवसर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध हो सकेंगे।
- इससे कृषि उत्पादों की बर्बादी रोकने, प्रसंस्करण स्तर बढ़ाने, उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर सुरक्षित और सुविधाजनक प्रसंस्कृत खाद्यान्न की उपलब्धता के साथ प्रसंस्कृत खाद्यान्न का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 1,04,125 करोड़ रुपए मूल्य के 334 लाख मी.टन की कृषि उपज के संचलन हेतु 31,400 करोड़ रुपए के निवेश के लिवरेज, 20 लाख किसानों को लाभ होने तथा वर्ष 2019-20 तक देश में 5,30,500 प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है ।
योजना से होने वाले लाभ
- इस योजना के तहत किसानों को बेहतर मूल्य पाने में मदद मिलेगी। यह किसानों की आय दोगुना करने के दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है।
- किसान संपदा योजना से देश में खाद्य प्रसंस्करण को व्यापक बढ़ावा मिलेगा।
- सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण और खुदरा क्षेत्र में निवेश को गति देने के लिए भारत में निर्मित और अथवा उत्पादित खाद्य उत्पादों के बारे में ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार सहित व्यापार में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है। इससे किसानों को बहुत अधिक लाभ होगा तथा बैक एंड अवसंरचना का सृजन होगा और रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त होने की संभावना है।
- अभिहित खाद्य पार्कों और इनमें स्थित कृषि-प्रसंस्करण यूनिटों को रियायती ब्याज दर पर वहनीय क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने नाबार्ड में 2000 करोड़ रूपए का विशेष कोष भी स्थापित किया है।
- योजना के तहत आवेदक धरोहर जमा राशि के लिए वेतन एवं लेखा अधिकारी, खाद्य प्रसंस्करण उधोग मंत्रालय, नई दिल्ली (सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया) के खाता संख्या 3516103454, आईएफएससी कोड- CBIN0282169 के माध्यम से 100000 रुपये का ऑनलाइन पेमेंट कर सकते है।
निवेशकों की सहूलियत के लिए कृषि बागवानी उत्पादन क्लस्टरों की सूचि मंत्रालय वेबसाइट खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय पर अपलोड की गई है ।
योजना को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाये गये कदम
यह बहुत ही अच्छी योजना है सरकार हर हाल में इसको सफल बनाने के लिए प्रयासरत है।
- खाद्य प्रसंस्करण और खुदरा क्षेत्र में निवेश को गति देने के लिए सरकार ने भारत में निर्मित और अथवा उत्पादित खाद्य उत्पादों के बारे में ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार सहित व्यापार में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है। इससे किसानों को बहुत अधिक लाभ होगा तथा बैक एंड अवसंरचना का सृजन होगा और रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर होने की संभावना है।
- भारत सरकार ने अभिहित खाद्य पार्कों और इनमें स्थित कृषि-प्रसंस्करण यूनिटों को रियायती ब्याज दर पर वहनीय क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए नाबार्ड में 2000 करोड़ रूपए का विशेष कोष भी स्थापित किया है।
- खाद्य एवं कृषि आधारित प्रसंस्करण यूनिटों तथा शीतश्रृंखला अवसंरचना को प्राथमिकता क्षेत्र उधारी (पीएसएल) की परिधि में लाया गया है ताकि खाद्य प्रसंस्करण कार्यकलापों और अवसंरचना के लिए अतिरिक्त क्रेडिट उपलब्ध कराया जा सके और इस प्रकार खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहन मिलेगा, बर्बादी में कमी आएगी, रोजगार सृजित होगा एवं किसानों की आय बढ़ेगी।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के कार्यान्वयन से खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कार्यक्षम आपूर्ति प्रबंधन सहित आधुनिक अवसंरचना का सृजन होगा। यह देश में न केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए न केवल बड़ा प्रोत्साहन होगा बल्कि किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने मे सहायक होगा और किसानों की आय को दुगुना करने की एक बड़ा कदम है।
किसान सम्पदा योजना के फायदे
- पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन से आधुनिक आधारभूत संरचना का निर्माण और प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला तथा फार्म के गेट से खुदरा दुकान तक प्रभावी प्रबंधन होने की संभावना है।
- इस योजना से देश में खाद्य प्रसंस्करण को व्यापक बढ़ावा मिलेगा।
- इसके साथ ही किसानों को बेहतर मूल्य पाने में सहायता मिलेगी और यह किसानों की आमदनी दोगुना करने के दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है।
- इस योजना से रोजगार के बड़े अवसर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध हो सकेंगे।
- किसान सम्पदा योजना से कृषि उत्पादों की बर्बादी रोकने, प्रसंस्करण स्तर बढ़ाने, उपभोक्तआओं को उचित मूल्य पर सुरक्षित और सुविधाजनक प्रसंस्कृत खाद्यान्न की उपलब्धता के साथ प्रसंस्कृत खाद्यान्न का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।