प्रस्तावना
सजावटी मछलियों का वैश्विक व्यापार जिसमें उसके उपसाधन तथा मछली आहार भी शामिल है, 8 प्रतिशत के वार्षिक विकास के साथ 15 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक होने का अनुमान है। 145 देशों द्वारा वार्षिक लगभग 500 मिलियन मछलियों का व्यापार किया जाता है, जिसमें से 80-85 प्रतिशत उष्णकटिबंधी प्रजातियाँ हैं। भारत में सजावटी मछलियों का घरेलू बाजार भी काफी आशाजनक है। वर्तमान में गुणवत्तापूर्ण उष्णकटिबंधी मछली की मांग आपूर्ति से कही अधिक है। भारत में सजावटी मछलियों का घरेलू बाजार 20 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है और घरेलू बाजार 20 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। देश में उच्च मूल्य वाली देशी सजावटी मछलियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से भारत में सजावटी मछली उद्योग के विकास में बहुत योगदान मिला है। तथापि, अपने रंग, आकार, दिखावट आदि की विविधता है। कारण विदेशी मछलियों की भी बहुत मांग है। ऐसा अनुमान है कि भारत में 300 से ज्यादा विदेशी प्रजातियां पहले से ही सजावटी मछली व्यापार में मौजूद हैं। और अभी भी विदेशी मछलियों की बाजार में बहुत मांग है।
विदेशी जलीय प्रजातियों को शामिल करने से आनुवंशिक संदूषण, रोगों का आना तथा पारिस्थिति के संपर्क जैसे कुछ प्रभाव होंगे, जिससे मूल जर्मप्लाजम को खतरा हो सकता है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) करार के अंतर्गत व्यापार उन्मुक्तीकरण के कारण भारत को अपने आपको तैयार करना है और ज्यादा प्रजातियों को शामिल करने से जुड़े संभावी परिस्थितिकी तथा रोग खतरे को कम करना है। बहुत से मामलों में विदेशी बीमारियों के प्रकोप विदेशी मछलियों के नए क्षेत्रों में आने से हुए हैं। उदाहरण के तौर पर कोई हर्षीस वाइरस रोग तथा एपिजूटिक अल्सरेटिव सिंड्रोम आने वाले वर्षों में सजावटी मछली तथा अन्य उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में आशातित वृद्धि से मूल प्रमाणिजाति पर नकारात्मक प्रभाव के बढ़ने की संभावना है। इस संदर्भ में यह अत्यन्त आवश्यक है कि विदेशी जनीय सजावटी जन्तुओं के शामिल करने के लिये दिशानिर्देश और विनियमन बनाया जाये ताकि इस प्रकार इंट्रोडकशन का प्रभाव नियंत्रण तथा प्रबंध किया जा सके।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग (डीएएचडीएफ), कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर), केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईएमएफआरआई) तथा केंद्रीय खारा जल जलकृषि संस्थान (सीआईबीए) के साथ परामर्श करके ये दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
परिभाषाएं
दुर्घटनावश पलायन का अर्थ है, आयातकों/शैकिया पालकों द्वारा अनजाने में जलीय जन्तुओं का प्राकृतिक जल निकाय में पलायन कर जाना।
जलीय जन्तु का अर्थ है जल कृषि प्रतिष्ठानों से उदभूत अथवा मानव उपभोग के लिए प्रकृतिक वास से पृथक कर के खेती प्रयोजनों के लिए, जलीय वातावरण में जारी करने के लिए मछली, मोलस्क और क्रसटेशियन के (अंडे और युग्मक सहित) जीवन चक्र की सभी अवस्थाएं।
जैव खतरे का अर्थ है किसी जीव, या किसी जीव से उत्पन्न पदार्थ जो प्राणी / मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न करता हो। इनमे प्राणी / मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले चिकित्सा अपशिष्ट, सूक्ष्मजीव, वायरस या विषैले पदार्थ (जीब वज्ञानिक स्रोत से) भी शामिल है।
जैव सुरक्षा सामान्य शब्दों में अर्थ है, मानव तथा प्राणी (जलीय सहित), पयद जीव तथा स्वाथ्य के लिए प्रासंगिक जोखिम और पर्यावरण से जुड़े जोखिम के विश्लेषण और प्रबंधन के लिए एक रणनीतिक और एकीकृत अभिगम है। (एफएओ, 2007)
प्रमाणन अधिकारी का अर्थ है जलीय जन्तु के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकृत व्यक्ति।
प्रेषित माल (शिपमेंट) का अर्थ है जलीय जन्तु आयात स्वास्थ्य मानक, अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अथवा एक स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और / अथवा आयात / निर्यात करने के लिए परमिट में वर्णित जीवित जलीय जन्तु का एक समूह।
सक्षम प्राधिकारी का अर्थ है जलीय जन्तु स्वास्थ्य के लिए उत्तरदायी प्राधिकरण जो पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया हो।
निर्यातक देश का अर्थ है एक देश जहां से जलीय जन्तु अथवा जलीय जन्तु उत्पादों, जैविकीय उत्पादों अथवा रोगात्मतक पदार्थों को दूसरे देश में गंतव्यत स्थान पर भेजा जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ है आयात, निर्यात अथवा जलीय जन्तु का पारगमन, जलीय पशु उत्पाद, जैविकीय उत्पाद और रोगात्मक उत्पाद।
आयात परमिट का अर्थ है जलीय जीव आयात करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अपेक्षित लाईसेंस।
आयातक का अर्थ है देश के बाहर से जलीय जीव/ एक्वेरियम सामानों को आयात करने वाला व्यक्ति / कंपनी।
तीव्र गति से प्रसार वाली प्रजातियां का अर्थ है गैर-देशी प्रजातियां (अर्थात् पादप अथवा जीव) जो निवास स्थानों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती हैं जहां वे आर्थिक, पर्यावरणीय अथवा पारिस्थितकीय रूप से हमला करती हैं।
ओआईई-अधिसूचित रोग का अर्थ है रोग जो जलीय आचार संहिता के अध्याय 1.2.3 में संदर्भित हैं। (समानार्थी ओआईई द्वारा अधिसूचित रोग)
सजावटी मछली सामान्य शब्दों में अर्थ है जलीय जन्तु जो की एक्वेरियम में रखता है, जिसमें मछलियों, अकशेरुकी जैसे कोरल, क्रसटेशियन (जैसे केकड़ों, हर्मिट केकड़े, झींगा), मौलस्क (जैसे घोंघे, क्लेम, स्काल्लप) और जीवित रॉक शामिल हैं।
पूर्व-संगरोध प्रमाणपत्र का अर्थ है प्रेषित माल जलीय जन्तुओं के स्वास्थ्य अवस्थो को प्रमाणित करता निर्यातक देश के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र ।
संगरोध का अर्थ है जलीय जन्तुओं के एक समूह को अलग रखना जिसमें अन्य जलीय जन्तुओं से कोई भी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क न हो, ताकि एक निर्धारित समय सीमा के लिए उन्हें निगरानी में रखा जा सके और यदि उपयुक्त हो तो अपगामी जलों के उपयुक्त उपचार सहित परीक्षण और उपचार भी किया जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय जलीय जंतु स्वास्थ्य प्रमाणपत्र का अर्थ है, निर्यात करने वाले देश के सक्षम प्राधिकरण के कार्मिक सदस्य द्वारा जारी प्रमाणपत्र जिसमें जलीय जन्तु के स्वास्थ्य की स्थिति को प्रमाणित किया गया हो तथा साथ में यह घोषणा भी हो कि ओआईई जलीय मैन्युअल में निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार यह जन्तु आधिकारिक स्वास्थ्य निगरानी के अधीन वाले स्रोत से उत्पन्न हुआ है।
संगरोध अधिकारी का अर्थ है जीवित जलीय जंतुओ के आयात और निर्यात से संबंधित सक्षम प्राधिकरण की स्वास्थ्य अपेक्षाओं के अनुसार निरीक्षण और अनुपालन प्रमाणित करने के उद्देश्य से सक्षम प्राधिरण द्वारा प्राधिकृत तकनीकी रूप से सक्षम व्यक्ति।
संगरोध अवधि का अर्थ है संगरोध की न्यूनतम अवधि, जैसाकि विशिष्ट रूप से जलीय जन्तु आयात स्वास्थ्य मानक अथवा अन्य कानूनी रूप से बाध्य दस्तावेज में निर्धारित हो (उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय अथवा राज्य विनियम)।
जोखिम विश्लेषण का अर्थ जोखिम की पहचान, जोखिम के आकलन, जोखिम प्रबंधन तथा जोखिम संसूचना वाली संपूर्ण प्रक्रिया।
शिपमैंट का अर्थ है जलीय जन्तुओं अथवा उत्पादों का समूह जोकि गंतव्य रस्थान तक ले जया जाना हो।
निगरानी का अर्थ है नियंत्रण प्रायोजनों के लिए रोग प्रकट होने की पहचान करने के लिए जलीय जन्तुओं की एक निश्चित आबादी की सिलसिलेवार तरीके से जांच जिसमें किसी आबादी के नमूनों की जांच भी शामिल हो सकती है।
अति संवेदनशील प्रजातियों का अर्थ है जलीय जन्तुओं की ऐसी प्रजाति, जिसमें संक्रमण प्राकृतिक मामलों अथवा उन रोग एजेंटों जो के समक्ष द्वारा दर्शाया गया है प्रयोगात्मक अनावरण जो संक्रमण के लिए प्राकृतिक रास्तों की नकल करते हैं। जलीय मैन्युअल के प्रत्येक रोग संबंधी अध्याय में अभी तक जानी जाने वाली अति संवेदनशील प्रजातियों की सूची है।
पूर्वापेक्षितताएं
3.1 यदि मछली की प्रजाति निम्न में से किसी वगै के अंतर्गत आती है तो सजावटी मछली प्रजाति के आयात की अनुमति नहीं दी जाएगीः
क) खतरनाक घोषित किए गए जलीय जीव क्योंकिः
- वे मनुष्यों को हानि पहुंचा करते है (उनमें जहरीले कांटे/जहरीला मांस/ विषाक्त पदार्थ/विशेष बचाव तंत्र हैं)।
- उनमें मनुष्यों और जंतु पर आक्रमण करके उन्हें जख्मी करने की संभावना है।
- उन्हें रोगजनक के वेक्टर अथवा संवाहक के रूप में जाना जाता है।
ख) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन के तहत संकटापन्न प्रजातियां (सीआईटीईएस) अथवा अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की संकटाधीन सूची में अथवा जो निर्यातक देश की संकटाधीन सूची के रूप में दर्ज प्रजातियां। तथापि, यदि संकटापन्न मछली का स्रोत पालन है और निर्यातक देश का सक्षम प्राधिकारी इसे प्रमाणित करता है, तब इसे अनुमति दी जा सकती है।
ग) राष्ट्रीय कानून अथवा अंतर्राष्ट्रीय संधियों/सम्मेलनों के कारण आयात पर लागू अन्य प्रतिबंध के तहत प्रजातियां
घ) भारत अथवा भारत के समान पर्यावरणीय स्थितियां रखने वाले अन्य देशों पर हानिकारक प्रभाव डालने वाली उचित दस्तावेज युक्त तेजी से फैलने वाली प्रजातियां।
यदि किसी प्रजाति के लिए पहली बार अनुरोध किया गया है तो, आयात के पश्चात् अनुमति के लिए आवेदन को परिष्कृत करते समय क्षमतावान फैलने वाली प्रजातियों पर मानक प्रोटोकॉल के रूप में सक्षम एजेंसी द्वारा जाखिम मूल्यांकन किया जाएगा।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग (डीएएचडीएफ), कृषि मंत्रालय, भारत सरकार से वैध अनुमति के बिना सजावटी मछली के आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी।
केवल वह विदेशी सजावटी मछली प्रजातियां जो अनुमति सूची में दर्ज है, की अनुमति दी जाएगी।
(अनुबंध- I में दी गई है)
आवेदन का तरीका
4.1. विदेशी सजावटी मछली का आयात करने के इच्छुक उद्यमी अनुबंध-I दिये गये निर्धारित प्रारूप में आवेदन करेंगे।
4.2. विदेशी सजावटी मछली प्रजातियों के आयात के लिए अनुमति मांगने वाले आवदेन पत्र के साथ विभिन्न आकारों के नमूनों के रंगीन फोटो (एक किशोर अवस्था का और दूसरा वयस्क अवस्था का) होने चाहिए और उन प्रजातियों का वैज्ञानिक नाम भी दिया जाना चाहिए। फोटो उन प्रजातियों का नमूना होना चाहिए जहां से आयात प्रस्तावित है और प्रकाशित अथवा अन्य स्रोतों से नहीं होना चाहिए। इनके बिना अनुमति के लिए आवेदन पत्र को खारिज कर दिया जाएगा।
4.3. विभिन्न फेनोटाइप लक्षण रखने वाली प्रजातियों के नर और मादा के मामले में, दोनों लिंगों के फोटो शामिल होना चाहिए।
4.4. जारी आयात की अनुमति:
- जारी करने की दिनांक से 1 वर्ष के लिए वैध होगी।
- हस्तांतरित नहीं हो सकेगी।
- उसमें कोई संशोधन जारी किया नहीं जायेगा।
- जारीकर्ता प्राधिकारी को अनुमति की समाप्ति से पूर्व पर्याप्त स्पष्टीकरण के साथ वैधता के पुनः वैधीकरण का अनुरोध करने पर, जारीकर्ता प्राधिकारी एक बार अनुमति के पुनरूवैधीकरण, तीन महीनों तक विचार कर सकेंगे।
मछली के आयात की अनुमति केवल निर्दिष्ट बंदरगाहों/हवाई अड्डों के जरिये होगी। ( अनुबंध-III में दी गई है)
पैकेजिंग और ढुलाई
6.1 पैकेजिंग ऐसी होगी कि प्रवेश बिंदु पर संगरोध अधिकारी द्वारा प्रेषित माल का आसानी से निरीक्षण किया जा सके।
6.2 आयात की जाने वाली सजावटी मछली को लीकरोधी थैलों में पैक किया जाये, प्रत्येक थैले में एक ही प्रजाति होनी चाहिए तथा इनका घनत्व मानक स्टॉकिंग घनत्व से अधिक नहीं होना चाहिए। थैला पारदर्शी होना चाहिए ताकि जलीय जन्तु का उपयुक्त निरीक्षण और पहचान हो सके तथा उसमें कोई भी बाहरी पदार्थ, गैर अनुमोदित पौधा सामग्री, कीट अथवा अप्राधिकृत प्रजाति न हो।
6.3 प्रत्येक थैले को पॉलीस्टीरीन बॉक्सों अथवा कार्टनों में एक भीतरी लाइनिंग के साथ रखा जाना चाहिए। प्रत्येक बॉक्स अथवा कार्टन की स्पष्ट पहचान के लिये लेवल होनी चाहिए। उन पर मछली प्रजाति का नाम और संख्या तथा प्रत्येक बॉक्स/कार्टन की पहचान संख्या उल्लिखित होनी चाहिए। यदि ढुलाई के दौरान कोई सीडेटिवध्चेतना शून्य करने वाली औषधि का प्रयोग किया गया है तो पैकेजिंग सूची पर उसका स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
6.4 साथ के दस्तावेजः प्रेषित माल के साथ संगत दस्तावेज होने चाहिए, जिनमें प्रजातियों के मामले के इतिहास से संबंधी कागजात तथा फोटो, आयात परमिट की प्रति संगरोध प्रमाणपत्र की प्रति तथा निर्यातक देश के परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी अन्य दस्तावेज शामिल हैं।
6.5 आयातक को प्रेषित माल की जल्द से जल्द निकासी और उसे गंतव्य तक पहुंचाने के सभी यथोचित प्रयास करने चाहिए।
6.6 नावंतरणः नावंतरण के मामले में प्रेषित माल को नावंतरण क्षेत्र के जीवाणु रहित क्षेत्र में रखना चाहिए।
संगरोधा
7.1 देश में आयात की जाने वाली सजावटी मछली के प्रत्येक प्रजाति को सक्षम प्राधिकारी द्वारा मान्यता प्राप्त संगरोध सुविधा में संगरोध प्रक्रिया से गुजराना होगा।
7.2 आयातित सजावटी मछली के साथ कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आयात परमिट और साथ-साथ निर्यातक देश के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी संगरोध-पूर्व प्रमाणपत्र होगा जिसमें यह कहा गया हो कि यह फार्म जहाँ से प्रेषित माल निर्यात किया जा रहा है उनके राष्ट्रीय जलीय जंतु स्वास्थ्य निगरानी के अंतर्गत आता है अथवा फार्म और निर्यातक देश की ओ.आई.ई तथा एन.ए.सी.ए सूचीबद्ध रोगों की स्थिति दर्शाने वाला एक संगरोधक–पूर्ण प्रमाण पत्र होगा। (अनुबंध-IV)।
7.3 प्रेषित माल के यहां आने पर उसके साथ आए संगरोध-पूर्व प्रमाणपत्रों को सत्यापित किया जाएगा तथा संगरोध सुविधा में आयातित प्रजातियों को पुनः जांचा जाएगा और निर्धारित प्राधिकारी द्वारा संगरोध प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
7.4 प्रवेश बिंदु से अनुमति मिलने के पश्चात् प्रेषित माल को तत्काल परमिट पत्र (प्रारूप अनुबंध-V में दिया गया है।) में दर्शायी गए मान्यता प्राप्त संगरोध सुविधा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
7.5 संगरोध सुविधा पर माल की प्राप्ति पर, प्रजातिया विशेष प्रजातियों के लिए निर्धारित संगरोध प्रोटोकाल के अधीन होंगी।
7.6 आयातित मछलिया अनुमोदित संगरोध स्थान में निम्नानुसार संगरोध में रहेगी।
क) गोल्ड फिश -21 दिन
ख) अन्य सजावटी मछलियां 15 दिन
7.7 संगरोध संतोषपूर्वक पूर्ण होने के पश्चात, माल को संगरोध प्रमाणपत्र के साथ आयातक को जारी कर दिया जायेगा।
7.8 आयातित बूडस्टॉक की घरेलू अथवा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रत्यक्ष बिक्री की अनुमति नहीं होगी, केवल एफ-1 और एफ-2 संतति घरेलू अथवा अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए जारी की जाएगी।
उल्लंघन पर दंड
8.1. आयातक जैव सुरक्षा, जैव खतरों तथा देश के आर्थिक हितों को ध्यान में रखेगा। प्राकृतिक जल में छोड़ी गई आयातक मछली के कारण कोई जैवसुरक्षा तथा अन्य उत्पन्न होने वाले संबंधित खतरों के लिए। आयातक/आयातक संगठन/समान मांगने वाले की संपूर्ण जिम्मेदारी होगी और भारत सरकार के प्रासंगिक नियमों के अनुपालन के अनुसार कार्यवाही होगी।
8.2 यदि किसी मामले में, माल संगरोध में सफल नहीं होता है तो सम्पूर्ण कंसाइनमेंट को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार आयातक की लागत पर नष्ट कर दिया जायेगा।
8.3 यदि निरीक्षण के दौरान, सक्ष्म प्राधिकारी के संज्ञान में यह आता है कि आयातक ने जान बूझकर निश्चित महत्वपूर्ण सूचना/जान बूझकर गलत सूचना भरी है अथवा आयात के लिए अनुमति मांगी गई प्रजातियां और वास्तविक आयातित प्रजातियां सामान नहीं है अथवा यह कि आयातित नमूनों में ऐसी प्रजातियां भी शामिल है जिनके लिए अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया है, आयात परमिट को तत्काल रद्द कर दिया जायेगा और सभी आयातित स्टॉक को बिना किसी सूचना अथवा आयातक की बिना अनुमति के नष्ट कर दिया जायेगा।
8.4 आयातक किसी आकस्मिक पलायन को रोकने और प्राकृतिक जल में जानबूझ कर विदेशी सजावटी मछलियों को छोड़ने से रोकने के लिए पर्याप्त देखभाल करेगा। इसके बावजूद, प्राकृतिक जल में मछली के आकस्मिक पलायन/जानबूझ कर छोड़ने वाली मामले को तुरन्त सक्षम प्राधिकारी और निकटस्थ संगरोध अधिकारी को सूचित किया जायेगा।
संगरोधा पश्चात निरीक्षण
सक्षम प्राधिकारी को आयातक की हैचरी, पालन सुविधा और फार्मों का संगरोध पश्चात् निरीक्षण करने का अधिकार होगा ताकि विशिष्ट दिशानिर्देशों की पुष्टि के साथ आयातित मछलियों का उसी उद्देश्य के लिए उपयोग हो रहा है जिसके लिए वे आयातित की गई थीं, और बहुगुणन के परिमाण तथा आयातित मछली प्रजातियों के क्षैतिक फैलाव को देखने का अधिकार होगा। आयातक आयात के बाद परिवहन, पालन, प्रजनन और खुदरा इत्यादि के बारे में तिमाही स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
अनुबंध-I
आयात के लिए विचार करने हेतु सजावटी मछलियों की संकेतिक सूची
क्र.सं. | सामान्यय नाम | वैज्ञानिक नाम |
1. | टिंनफोयल बार्ब | पुनटियस स्कवानेफेल्डीव/पी.आरफाइड/ पी.दारूफानी |
2. | टाइगर बार्ब | पुनटियस टेट्राजोना/पी.पार्टीपेन्टाजाना |
3. | ब्लेरक रूबी बार्ब | पुनटियस निग्रोफासीआटस |
4. | क्लाउन बार्ब | बारबोड्स एवरेट्टी |
5. | लांगफिन रोजि बार्ब | बारबस कानकोनियस |
6. | फ्लिामेंट बार्ब | बारबस कानकोनियस |
7. | सिसोरटेल रासबोरा | रासबोरा ट्रालिनिएटा |
8. | येलोटेल रासबोरा | रासबोरा सुनेनसिस |
9. | रेडटेल रासबोरा | रासबोरा बोरापेटेनेसिस |
10. | ड्वार्फ रासबोरा | रासबोरा मैकुलाटा |
11. | हार्लेक्वीगन रासबोरा | रासबोरा हेटेरोमोफ |
12. | ग्रीन लाइन रासबोरा | रासबोरा ब्योफोर्टी |
13. | स्लेंडर गोल्ड रासबोरा | रासबोरा आइनथोवेनी |
14. | गोलर्डन लाइन रासबोरा | रासबोरा एजिलिस |
15. | जेब्रा बार्ब | रासबोरा पौसिपरफोरराटा |
16. | रेडटेल ब्लैक शार्क | लेबियो बाइकलर |
17. | रेनबो शार्क | लेबियो ईरोथोरस |
18. | एलबिनों रेनबो शार्क | लेबियो फ्रेनाटस |
19. | ब्लैक शार्क | लेबियो क्रिसोफेकाडियन |
20. | सिल्वोर शार्क | बैलेंटियोचैलस मेलानोपटेरस |
21. | ब्लैड पैरट सिकलिडस | सिकलासोमा सिंसपिलम |
22. | टैक्ससि सिकलिडस | सिसलासोमा कारपिन्टे |
23. | इमराल्डय सिकलिडसध्पैरट फिश | सिकलासोमा टेम्पोडरेलिस |
24. | कॉनविक्ट सिकलिडस | सिकलासोमा निग्रोफेसिएटम |
25. | ट्राउट सिकलिडस | सिकलासोमा सिटीनेलम |
26. | पीकॉक बास | सिकलासोमा ओसीलेरिस |
27. | फायरमाउथ सिकलिड्स | सिकलासोमा मिकी |
28. | रेड टेरर | सिकलासोमा फेस्टेसई |
29. | ग्रीन टेरर | एक्वीडेन्सि रिवेलेटस |
30. | ड्वार्फ सिकलिड | एपिस्टोग्रम्मा लुलिंगी |
31. | फ्लावर हार्न | एम्फिलोफस लेविएटस |
32. | पर्ल गौरामी | टिकोगैस्टार लिरी |
33. | मूनलाइट गौरामी | टिकोगैस्टार माइक्रोलेपिस |
34. | ब्लू गौरामी | टिकोगैस्टार ट्राइकोपटेरस |
35. | ड्वार्फ गौरामी | टिकोगैस्टार लेलियस |
36. | थिकलिप्ड गौरामी | ट्किोगैस्टार लेबिओसा |
37. | स्नेककास्किन गौरामी | टिकोगैस्टार पेक्टोरेलिस |
38. | जाइन्ट गौरामी | ऑस्ओनेमस गोरेमी |
39. | गोल्ड् फीश | कैरेशियस ऑरेटस |
40. | रेड ओराण्डा | कैरेशियस ऑरेटस |
41. | रेड कैप ओराण्डा | कैरेशियस ऑरेटस |
42. | ब्लूस ओराण्डा | कैरेशियस ऑरेटस |
43. | रेड रयूकिंस | कैरेशियस ऑरेटस |
44. | रेड और वाइट रयूकिंस | कैरेशियस ऑरेटस |
45. | सेलेस्यिल गोल्डव | कैरेशियस ऑरेटस |
46. | पर्ल स्केल गोल्डं | कैरेशियस ऑरेटस |
47. | बबल आइ गोल्डे | कैरेशियस ऑरेटस |
48. | क्लासउन लोच | बोटिया मैक्राकांथा |
49. | ओरज फिन्डै लोच | बोटिया मोडेस्टा |
50. | स्कंयक लोच | बोटिया मोरलेटी |
51. | ड्वार्फ चेन्डट लोच | बोटिया सिड्थीमुंकी |
52. | सिल्वार लोच | बोटिया लेकोन्टेडई |
53. | जेब्रा लोच | बोटिया स्ट्रीयाटा |
54. | ब्लू लोच | बोटिया रूबीपिन्निस् |
55. | गप्पी | पोइसिलिया रेटीकुलाटा |
56 | मॉलीध्लाइव बियरर्स | पोइसिलिया लैटीपिन्नान |
57. | स्वोर्ड टेल | जिफोफोरस हेलेरी |
58. | प्लाफटी | जिफोफोरस मैकुलेटस |
59. | कोई कार्प | सिप्रीनस कैप्रियो |
60. | फायर गोबी | नेमेटीलियोटिस मैगिनपिफका |
61. | फाइटिंग फिश | बेट्टा स्प्लेंडेन्स् |
62. | शार्ट टेल | बेट्टा इमबेलिस |
63. | ब्लू बेट्टा | बेट्टा स्मारगदिना |
64. | बटरफलाइ फिश | चाइटोदोन इफिपियसी.अरनाहिमस |
65. | ओरेज क्लाइउन फिश | एम्फीदप्रियन परकुला |
66. | फायर क्लारउन फिश | एम्फीदप्रियन मेलानोपस |
67. | डैमशेल फिश | एबुडेफडफ वाइकलर |
68. | टौटोन टैंग | जेब्रासोमा स्को पस |
69. | ब्लूर पाउडर टैंग | एकैनथ्रस ल्यू कोस्टे राननध्ए. टायोसेगस |
70. | एंजल फिश | टैरोफाइलम स्के लेर |
71. | हाई र्फिन सकर | माइक्सोलसाइप्रिनस एसियाटिकस |
72. | ब्लेक घोस्ट | एप्टेसरोनोटस एल्बिफ्रोन्सन |
73. | ऑस्केर सिकिल्डस | एस्ट्रोलनोटस ओसिलेटस |
74. | डिसकश | सिम्फासोडोन डिसकस ध्एस.एक्वी फेसीआटा |
75. | ब्लूश डिसकस | सिम्फासोडोन एक्वी फेसियाटा एक्सेएलेरोडी |
76. | फैंटम टेट्रा | हिफेसोब्राइकॉन मेगालोप्टे रस |
77. | ब्लीसडिंग हर्ट टेट्रा | हिफेसोब्राइकॉन इथोस्टिग्मा |
78. | ब्लैसक नियान टेट्रा | हिफेसोबाइकॉन हर्बरटेकसेलरोडी |
79. | लेमन टेट्रा | हिफेसोबाइकॉन पलकिपीनिस |
80. | रोजी टेट्रा | हिफेसोब्राइकॉन औरनेटस |
81. | सरपाई टेट्रा | हिफेसोब्राइकॉन सर्पेई |
82. | गोल्डो स्पासटेड टेट्रा | हिफेसोब्राइकॉन ग्रिमी |
83. | कार्डिनल टेट्रा | पैरासियरोडोन एक्सगलरोडी |
84. | नियान टेट्रा | पैरासियरोडोन इनेसी |
85. | ग्रीन नियान टेट्रा | पैरासियरोडोन सिमुलेनस |
86. | रेड पेरेट | होपलारकस सिट्टेकस |
87. | यलो फेस एंजलफिश | पोमायस जैनथोमेटोपोन |
88. | रॉयल एंजल फिश | पाइगोप्लोइट्स डियाकैन्थ्स |
89. | इलिगेंट फायरफिश | निमेटिलियोटिस डिकोरा |
90. | सनसेट एंथियास | ज्यूटडानथियस पारवीरोसटिस |
91. | हम्पटहेड रेसी | चेलिनस अनडुलेटस |
92. | येलोटेल इम्पअरर | लेथीनस क्रोसिनियस |
अनुबंध-॥
सजावटी मछली आयात करने के लिए आवेदन का प्रारूप
1.0 मछली का नाम (सामान्य नाम) :
- 1.2 वैज्ञानिक नाम :
- 1.3 उस देश का नाम जहां से प्रजाति को आयात किए जाने का प्रस्ताव है :
2.0 उत्पत्ति का स्रोत (वन्य/पालित) /
3.0 आयात का उद्देश्य (प्रजनन/सीधी बिक्री आदि) :
- 3.1 आयात की विस्तुत जानकारी :
- 3.2 कौन सा जीवन चरण आयातित किया जाना है
- (छोटा/अवयस्क/वयस्क/ ब्रूड स्टॉक) :
- 3.3 आयात की मात्रा/आकार :
- 3.4 औसत भार (ग्राम) :
- 3.5 औसत लम्बाई (सें मी) :
4.0 प्रजाति का जैविक चरित्र
- 4.1 अधिकतम आकार (सेमी)
- 4.2 अधिकतम भार
- 4.3 प्राकृतिक पर्यावास
4.3.1 व्यस्क
4.3.2 अवयस्क
4.3.3 छोटा
- 4.4 विभिन्न अवस्था के लिए आवश्यक तापमान
- 4.5 क्या प्रवासी प्रकृति का है :
4.5.1 यदि हां, क्या प्रजनन/आहार के लिए
- 4.6 प्रजनन
4.6.1 उभयलिंगी/सिलिंगी
4.6.2 ओविपेरस/विविपरेस
4.6.3 वयस्कता पर आयु
4.6.4 प्रजनन अवधि/समय
4.6.5 प्रजनन अंतराल
4.6.6 उपजाऊपन
4.6.7 प्रजनन पर्यावास
4.6.8 तापमान आवश्यकताएं
- 4.7 आहार संबंधी आदतें (तृणभक्षी/मांसभक्षी/सर्व भक्षी) :
4.7.1 प्राकृतिक खाद्य वस्तुएं
4.7.1.1 लर्वो
4.7.1.2 अवयस्क
4.7.1.3 वयस्क
- 4.8 आनुवांशिक प्रोफाइल
4.8.1 यदि विकसित- विकास के लिए प्रयोग की गई मूल/ स्टॉक :
4.8.2 विकास के लिए प्रयोग की गई आनुवांशिक प्रद्धति
(चयन/संकरण/आंनुवाशिक यांत्रिकी)
5.0 पूर्व आयात का विवरण :
- 5.8.1 अनुमोदन संख्या एवं दिनांक (मंत्रालय द्वारा जारी) :
- 5.8.2 डीजीएफटी द्वारा जारी लाईसेंस का विवरण
- 5.8.3 आयात का वर्ष
- 5.8.4 अनुमति प्रदान की गई प्रजातियों की संख्या :
- 5.8.5 कुल आयातित संख्या :
- 5.8.6 प्रत्येक अनुमति प्रदान की गई किस्म के मुकाबले आयातित मछलियों की संख्या :
- 5.8.7 आयातित किस्मों का अंत में उपयोग का विवरण :
6.0 आयातित सजावटी मछली निर्यात/आंतरिक बाजार के लिए है :
7.0 मछली आयात करने वाली फर्म/व्यक्ति का नाम और पता :
8.0 स्थान/हैचरी जहां आयातित मछली को रखा जाएगा :
9.0 क्या वहां संगरोध सुविधा हैं अथवा नहीं :
दिनांक आयातक के हस्ताक्षर
मोहर
आवश्यक प्रमाणपत्र :
- आयात की जाने वाली मछली के चित्र (फोटोग्राफ उस मछली की प्रतिलिपि होनी चाहिए जहां से आयात प्रस्तावित है तथा प्रकाशित या अन्य स्रोत से नहीं हो)
- हैचरी/फार्म का पता जहां आयात के बाद मछली का रख-रखाव किया जायेगा।
प्रारूप भरने के लिए दिशा-निर्देश
1. प्रत्येक प्रजाति के लिए अलग प्रारूप का उपयोग करें।
2. किसी कॉलम को खाली न छोड़ा जाये। यदि सूचना उपलब्ध नहीं है तो एन.ए. भरे और यदि आइटम प्रासंगिक नहीं है तो एन.आर. लिखें।
अनुबंध – III
विदेशी सजावट मछ्ली के आयात के लिए निर्धारित बन्दरगाह/ हवाई अड्डा
- बंगलुरु
- चेन्नई
- दिल्ली
- हैदराबाद
- कोचीन
- कोलकाता
- मुंबई
- विशाखापत्तनम
अनुबंध – IV
ओआई सूचीबद्ध जलीय जन्तु रोग (ओआईई कोड 2012)
मछली के रोग
- एपिजूटिक हैमैटोपोइटिक नेक्रोसिस
- एपिजोटिक अल्सरेटिव सिण्ड्रोम
- गाइरोडैक्टाइलस सलासिस से संक्रमित
- इंफेक्सस हैमैटोपोइटिक नेक्रोसिस
- इंफेक्सस सालमान एनिमिया
- कोई हर्पोस वाइस रोग
- रेड सी ब्रीम इरीडोवायरल रोग
- कार्प की स्प्रिग विरेमिया
- वायरल हेमोरजिक सेप्टिसेमिया
मोलस्क रोग
- एवेलोनहपीवायरस से संक्रमित
- वोनामिया एजिटिएसा संक्रमिता
- मार्टिलिया रिफ्रिजेंस संक्रमित
- पार्किनसस मैरीनस संक्रमित
- पार्किनसस आलसेनी संक्रमित
- जीनोहोलिओटिस कैलीफारनिएनसिसा संक्रमित
क्रसटेशियन का रोग
- क्रेफिश महामारी (एफानोमाइस एस्टैसी)
- हाइपोडरमल और हिमैटोपोइटिक नेक्रोसिस
- मायोनेक्रोसस
- नेक्रोटाइजिंग हिपैटोपैक्रियाटाइटिस
- टौरा सिण्ड्रोम
- सफेद धब्बे वाला रोग
- सफेद पूंछ वाला रोग
- पीली गर्दन वाला रोग
अभयचरों के रोग
- बटाकोकाईदीयम डेनोड्रोबैटिडिस से संक्रमित
- रानावाईरस से संक्रमित
अनुबंध – V
सं ___
भारत सरकार
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग
कृषि भवन, नई दिल्ली
दिनांक ________
सेवा में,
कंपनी का नाम और पता
विषयः जीवित सजावटी मछली आयात करने संबंधी प्रस्ताव अनुमोदन से संबंधित।
महोदय,
मुझे जीवित सजावटी मछली के आयात की अनुमति से संबंधित आपके प्रस्ताव/आवेदन (संदर्भ सं….. और तिथि) का संदर्भ देने और बीच दी गई तालिका में उल्लिखित ब्यौरे तथा मात्रा के अनुसार आप/आपकी कंपनी (निर्यातक कंपनी का नाम) द्वारा निम्नलिखित सजावटी मछलियों के आयात संबंधी संलग्न दिशानिर्देशों में उल्लिखित शर्तों के आधार पर आयात के लिए इस मंत्रालय के अनुमोदन के संबंध में सूचित करने का निदेश हुआ है।
क्र.सं. | सामान्य नाम | वैज्ञानिक नाम | मात्रा, संख्याक |
यह अनुमति विदेश व्यापार महानिर्देशालय (डीजीएफटी) द्वारा आयात लाइसेंस जारी किए जाने की तारीख से एक वर्ष के अवधि के लिए दी गई है। यह अनुमोदन हस्तांतरणीय नहीं है और इस अनुमोदन का संशोधन जारी नहीं किया जाएगा।
यह भारतीय जलों में विदेशी जलीय प्रजातियों को शामिल करने संबंधी राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष के अनुमोदन से जारी किया गया है। संलग्नक सजावटी मछलियों के आयात संबंधी दिशानिर्देश
भवदीय,
जारी करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर व मुहर
स्त्रोत: पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय