राज्य शासन द्वारा किसानों की दी जाने वाली सुविधाएं
योजना
प्रदेश के समस्त खेतों का मृदा परीक्षण कर शत प्रतिशत स्वाईल हैल्थ कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड में कृषकों के खेतों के मिट्टी नमूना विश्लेषण के परिणाम एवं उनके आधार पर उर्वरक उपयोग की अनुशंसा उपलब्ध रहती है। मध्यप्रदेश में मृदा परीक्षण को पर्याप्त महत्व दिया जा रहा है। दिसम्बर 2014 तक कुल 17,68,684 स्वाईल हैल्थ कार्ड बनाये जा चुके हैं। विभाग के अंतर्गत 24 मिट्टी परीक्षण प्रयोग शालाएं, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत 26, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 09 एवं राजमाता कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा 16 प्रयोगशालाएं चलाई जा रही हैं। इस प्रकार प्रदेश के सभी जिलों में कुल 75 प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिनमें से
विभागीय समस्त प्रयोगशालाओं में सूक्ष्म तत्वों के परीक्षण की भी व्यवस्था है मिट्टी परीक्षण कैसे करवाएं मुख्य तत्व विश्लेषण हेतु सामान्य कृषकों के लिये 5 रूपये प्रति नमूना, तथा अ.जा./अ.ज.जा. कृषकों के लिये 3 रूपये प्रति नमूना की दर शासन द्वारा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार सूक्ष्म तत्व विश्लेषण के लिये सामान्य कृषकों के लिये 40 रूपये प्रति नमूना तथा अ.जा./अ.ज.जा. कृषकों के लिये 30 रूपये प्रति नमूना की दर शासन द्वारा निर्धारित है। क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के मार्गदर्शन में खेत का आदर्श मिट्टी का नमूना तैयार कर प्रयोगशाला भेजा जाता है।
मिट्टी परीक्षण कैसे करवाएं
मुख्य तत्व विश्लेषण हेतु सामान्य कृषकों के लिये 5 रूपये प्रति नमूना, तथा अ.जा./अ.ज.जा. कृषकों के लिये 3 रूपये प्रति नमूना की दर शासन द्वारा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार सूक्ष्म तत्व विश्लेषण के लिये सामान्य कृषकों के लिये 40 रूपये प्रति नमूना तथा अ.जा./अ.ज.जा. कृषकों के लिये 30 रूपये प्रति नमूना की दर शासन द्वारा निर्धारित है। क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के मार्गदर्शन में खेत का आदर्श मिट्टी का नमूना तैयार कर प्रयोगशाला भेजा जाता है।
प्रयोगशालाएं
प्रदेश में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं कहां-कहां हैं ?
विभागीय मिट्टी परीक्षण केंद्र- भोपाल, सीहोर, पवारखेड़ा (जिला होशंगाबाद), उज्जैन, मंदसौर, धार, खरगोन, खंडवा, झाबुआ, इंदौर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, छतरपुर, सागर, रीवा, मुरैना, भिंड, बैतूल, दमोह, जबलपुर, टीकमगढ़, ग्वालियर, सीधी में कार्यरत हैं।
स्त्रोत : किसान पोर्टल, भारत सरकार