Crop County

जय किसान फसल कर्ज माफी योजना(MP)

ऋणग्रस्तता निवारण पहल


कृषि क्षेत्र में विगत कई वर्षों से किसानों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। इसके फलस्वरूप कई किसान चाहते हए भी बैंकों/समितियों से फसल ऋण प्राप्त करने के उपरांत नियमित भुगतान नहीं कर पाते हैं। कृषि क्षेत्र की ऋणग्रस्तता निवारण के लिए बैंकों दवारा कोई विशेष कदम नहीं उठाये जा सके हैं।

जारी होने की तिथि


इसी परिप्रेक्ष्य में किसानों को राहत देने उद्देश्य से शासन द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा 05 जनवरी, 2019 जय किसान फसल ऋण माफी योजना स्वीकृत की गई।
1. योजनांतर्गत सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को अधिकतम रूपये 2.00 लाख (रूपये दो लाख) की सीमा तक पात्रता अनुसार निम्नानुसार लाभ दिया जाएगा:-
(अ)दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में किसान के नियमित ऋण खाते में ऋणप्रदाता संस्था द्वारा प्रदाय फसल ऋण की बकाया राशि (Regular Outstanding loan) के रूप में दर्ज है। जिन किसानों द्वारा दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में Regular Outstanding loan था तथा दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 तक पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से पटा दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा
(ब) दिनांक 01 अप्रैल, 2007 को अथवा उसके उपरांत ऋण प्रदाता संस्था से लिया गया फसल ऋण जो दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में सहकारी बैंकों के लिए कालातीत अथवा अन्य ऋणप्रदाता बैंकों के लिए Non-Performing Asset (NPA) घोषित किया गया हो। जिन किसानों द्वारा दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में NPA अथवा कालातीत घोषित फसल ऋण दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 तक पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से पटा दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा।

ऋण माफी योजना हेतु परिभाषाएं

मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना हेतु परिभाषाएं

1 फसल ऋण
भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड दवारा परिभाषित फसल की पैदावार के लिए ऋणप्रदाता संस्थाओं द्वारा दिया जाने वाला अल्पकालीन फसल ऋण।
2.ऋणमान (Scale of Finance): प्रत्येक हेक्टेयर फसल ऋण का निर्धारण, जो उक्त कृषि सीजन में, जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निश्चित किया गया हो।

ऋण प्रदाता संस्थाएं

प्रदेश में कार्यरत एवं ऋण प्रदान करने वाली निम्न वित्तीय संस्थाएं एवं इनकी शाखायें स्कीम के क्रियान्वयन के लिए पात्र हैं:
(i) राष्ट्रीकृत बैंक
(ii) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(iii) सहकारी बैंक (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों द्वारा प्रदत्त. फसल ऋण शामिल)।

फसल ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र

ऋण प्रदाता संस्था के प्रबंधक के हस्ताक्षर से किसान को जारी किया जाने वाला समायोजित फसल ऋण खाता का ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र।

किसान सम्मान पत्र
नियमित रूप से फसल ऋण चुकाने वाले किसानों को दिया जाने वाला सम्मान पत्र।

योजना के लिए मापदण्ड

मध्यप्रदेश में निवास करने वाले किसान जिनकी कृषि भूमि मध्यप्रदेश में स्थित हो एवं उनके द्वारा मध्यप्रदेश स्थित ऋण प्रदाता संस्था की बैंक शाखा से अल्पकालीन फसल ऋण लिया गया हो, योजना हेतु पात्र होगा। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण भी योजना में शामिल हैं।ऐसा किसान जिसके फसली ऋण को रिजर्व बैंक/नाबार्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार प्राकृतिक आपदाओं के होने के कारण पुर्नरचना (Restructuring) कर दी गई हो, योजना में पात्र होगा।कंडिका 1 अथवा 2 में निम्न शामिल नहीं होंगे:

  • कम्पनियों या अन्य कार्पोरेट संस्थाओं द्वारा किसानों को प्रत्याभूत ऋण, जो भले ही ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा वितरित किया गया हो।
  • किसानों के समूह द्वारा लिया गया फसल ऋण, फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी अथवा फार्मर प्रोड्यूसर संस्था (FPO) द्वारा लिया गया फसल ऋण।
  • सोना गिरवी रख प्राप्त किया गया कोई भी ऋण।

डायरेक्ट बेनिफेट ट्रांसफर (DBT)

योजनांतर्गत डायरेक्ट बेनिफेट ट्रांसफर DBT से राज्य के कोष से राशि पात्र किसान के फसल ऋण खाते में जमा कराई जाएगी। अतः योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को फसल ऋण खातों में आधार नम्बर सीडिंग एवं अभिप्रमाणित कराया जाना आवश्यक होगा। जिन किसानों के फसल ऋण खाते में आधार नम्बर सीडिंग नहीं है, को इस प्रयोजन हेतु एक अवसर प्रदान किया जाएगा।

गैर निष्पादित आस्तियाँ (NPA)

रिजर्व बैंक के मानको के अनुरूप गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) के रूप में दिनांक 31 मार्च, 2018 तक वर्गीकृत फसल ऋण योजनांतर्गत मान्य होंगें, यदि उक्त फसल ऋण 1 अप्रैल, 2007 अथवा उसके उपरांत ऋण प्रदाता संस्था से प्राप्त किया गया हो। सहकारी बैंकों (तथा PACS) से 1 अप्रैल, 2007 या उसके उपरांत लिया गया फसल ऋण, जो दिनांक 31 मार्च, 2018 को कालातीत ऋण के रूप में दर्ज हो, योजनांतर्गत पात्र होगा। 3.6 पात्र किसानों के फसल ऋण खाते में योजनांतर्गत पात्रता अनुसार राशि जमा कराई जावेगी। लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

योजना के लिए निरहर्ता/अपात्रता

निम्न श्रेणी के फसल ऋण योजना अंतर्गत निरर्हत/अपात्र रहेंगे

  • निम्न श्रेणियों के वर्तमान एवं भूतपूर्व पदाधिकारी:- मान. सांसद, मान. विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगरपालिका। नगर पंचायत । नगर निगम के अध्यक्ष/महापौर, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष,सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गठित निगम, मण्डल अथवा बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष।
  • समस्त आयकर दाता।
  • भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के समस्त शासकीय अधिकारी ।
  • कर्मचारी तथा इनके निगम / मण्डल / अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी, (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर) ।
  • रूपये 15,000/- प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्तकर्ता (भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर)
  • GST में दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति/फर्म/ फर्म के संचालक/ फर्म के भागीदार।

दिये गये बिंदुओं की स्थिति में किसी भी निरर्हता की स्थिति में उक्त फसल ऋण प्राप्त कर्ता किसान निरर्हत/ अपात्र होगा। उपरोक्त निरर्हता/अपात्रता के लिए पात्र किसान द्वारा स्वप्रमाणीकरण किया जाना योजना हेतु मान्य होगा।निरर्हता / अपात्रता की सूची में बदलाव या सुधार करने के लिए एवं ऋणमान के युक्तियुक्तकरण के लिए राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति अधिकृत रहेगी।

क्रियान्वयन प्रक्रिया

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एम.पी. ऑनलाईन (MP-online) दवारा पोर्टल तैयार किया गया है। पोर्टल का प्रबन्धन का कार्य सक्षम तकनीकी संस्था के सहयोग से किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।

आवेदन की प्रक्रिया

किसान दवारा जिस ग्राम पंचायत की सीमा में कृषि भूमि है, उस ग्राम पंचायत में ऑफ-लाईन आवेदन पत्र जमा कराया जाता है। नगरीय क्षेत्र में स्थित कृषि भूमि होने पर संबंधित नगरीय निकाय में आवेदन पत्र जमा कराया जाता है। आवेदन पत्र में आधारकार्ड की छायाप्रति तथा ऋण प्रदाता संस्था राष्ट्रीकृत बैंक अथवा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होने की स्थिति में संबंधित बैंक शाखा द्वारा प्रदत्त. बैंक ऋण खाता पास बुक के मुख्य पृष्ठ की प्रतिलिपि संलग्न करना अनिवार्य होगा। सहकारी बैंक अथवा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति (PACS) से ऋण की स्थिति में बैंक ऋण खाता पास बुक की आवश्यकता नहीं होगी। यदि किसान की कृषि भूमियाँ अनेक ग्राम पंचायतों में हैं तो उसे एक ही ग्राम पंचायत में (जिसमें सामान्यत: निवास हो) समस्त कृषि भूमियों के लिए फसल ऋण की जानकारियाँ एक ही आवेदन पत्र में जमा करनी होती। प्रत्येक ऑफ लाईन आवेदन पत्र जमा करने की रसीद ग्राम पंचायत (नगरीय क्षेत्र की सीमा में कृषि भूमि होने पर नगरीय निकाय) द्वारा आवेदक को प्रदान की जाती है।

स्त्रोत: किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, मध्यप्रदेश सरकार