Crop County

ग्रामीण उद्योग समूहों के प्रचार कार्यक्रम

खादी और ग्रामोद्योग के लिए ग्रामीण उद्योग सेवा केंद्र (आरआईएससी)

उद्देश्‍य

  • समूह में खादी और ग्रामोद्योग गतिविधियां उपलब्‍ध कराना
  • ग्रामीण समूहों को कच्‍चा माल समर्थन, कौशल उन्‍नयन, प्रशिक्षण, गुणवत्‍ता नियंत्रण, परीक्षण सुविधा, विपणन प्रचार, डिजाइन और उत्‍पाद विकास जैसी सेवाएं उपलब्‍ध कराना।

योजना

‘ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र’ सामान्‍य सुविधा है जिसका उद्देश्‍य ढांचागत सहायता और स्‍थानीय इकाइयों को अपनी उत्‍पादन क्षमता, कौशल उन्‍नयन और बाजार प्रसार जैसी जरूरी सेवाएं उपलब्‍ध कराना है।

ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र (आरआईएससी) को निम्‍नलिखित सेवाओं में से एक को कवर करना चाहिए-
(क) उत्‍पाद की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए स्‍थापित प्रयोगशा‍लाओं द्वारा परीक्षण सुविधा उपलब्‍ध कराना।
(ख) उत्‍पाद में मूल्‍य संवर्द्धन या उत्‍पादन क्षमता बढ़ाने के लिए सुविधा के तौर पर स्‍थानीय समूहों/कलाकारों द्वारा प्रयोग की जा सकने वाली सामान्‍य अच्‍छी मशीनरी/उपकरण उपलब्‍ध कराना
(ग) अपने उत्‍पादों के बेहतर विपणन के लिए स्‍थानीय समूहों/कलाकारों को आकर्षक और उपयुक्‍त पैकेजिंग सुविधा और मशीनरी उपलब्‍ध कराना।उपर्युक्‍त सुविधाओं के अलावा आरआईएससी निम्‍नलिखित सेवाएं भी प्रदान कराता है:

  1. आय को बढ़ाने के लिए कलाकारों के कौशल के उन्‍नयन के लिए प्रशिक्षण सुविधा उपलब्‍ध कराना।
  2. ग्रामीण विनिर्माण इकाइयों के मूल्‍य संवर्द्धन के लिए विशेषज्ञों/एजेंसियों के साथ सलाह-मशविरा कर नए डिजाइन या नए उत्‍पाद, उत्‍पाद में विविधता उपलब्‍ध कराना।
  3. मौसम पर निर्भर कच्‍चा माल उपलब्‍ध कराना।
  4. उत्‍पाद का कैटलॉग तैयार करना।

क्रियान्‍वयन एजेंसियां

  • केवीआईसी और राज्‍य स्‍तरीय केवीआईबी।
  • राष्‍ट्रीय स्‍तर/राज्‍य स्‍तर के खादी और ग्रामोद्योग संघ
  • केवीआईसी और केवीआईबी से मान्‍यता प्राप्‍त खादी और ग्रामोद्योग संस्‍थान
  • केवीआईसी की काली सूची को छोड़कर राज्‍य मंत्रालय/केन्‍द्रीय मंत्रालय, कपार्ट, नाबार्ड और संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसियों द्वारा वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त कम से कम किन्‍हीं तीन परियोजनाओं में ग्रामीण दस्‍तकारों के विकास सम्‍ब‍न्‍धी कार्यक्रम के क्रियान्‍वयन में जो एनजीओ काम कर चुके हैं।

आरआईएससी के अंतर्गत आने वाले उद्योग

  • खादी और पॉली वस्‍त्र
  • हर्बल उत्‍पाद- कॉस्‍मैटिक्‍स और दवाइयां
  • खाद्य तेल
  • डिटर्जेंट और साबुन
  • शहद
  • हाथ से बना हुआ कागज
  • खाद्य प्रसंस्‍करण
  • जैव-उर्वरक/जैव-कीटनाशक/जैव खाद
  • मिट्टी के बर्तन
  • चमड़ा उद्योग
  • लकड़ी का काम
  • काली सूची में आने वाले उद्योगों को छोड़कर सभी ग्रामोद्योग

वित्‍तीय मॉडल

1. 25 लाख रुपये तक की गतिविधि के लिए

उत्‍तर पूर्वी राज्‍यअन्‍य क्षेत्र
(क) केवीआईसी की हिस्‍सेदारी80%75%
(ख) अपना योगदान20%25%

2. पांच लाख रुपये तक की गतिविधि के लिए

वित्‍तीय मॉडलउत्‍तर पूर्वी राज्‍यअन्‍य क्षेत्र
(क) केवीआईसी की हिस्‍सेदारी90%75%
(ख) अपना योगदान या बैंक /वित्‍तीय संस्‍थान से लोन10%25%

उत्‍तरी पूर्वी राज्‍यों के मामले में 5 लाख तक की परियोजना लागत के लिए परियोजना की 90 फीसदी लागत केवीआईसी द्वारा उपलब्‍ध करवाई जाएगी।

वित्‍तीय सहायता के नियम

1. 25 लाख रुपये तक की गतिविधि के लिए


1
कौशल उन्‍नयन और प्रशिक्षण और/या उत्‍पाद सूची (पहले ही कौशल उन्‍नयन प्रशिक्षण आदि उपलब्‍ध कराया जाएगा)परियोजना लागत का अधिकतम 5 फीसदी
2क्रियान्‍वयन पूर्व और मंजूरी के बाद के खर्चपरियोजना लागत का अधिकतम 5 फीसदी
3निर्माण/ढांचा (क्रियान्‍वयन एजेंसी के पास अपनी भूमि होनी चाहिए, क्रियान्‍वयन एजेंसी के पास अपनी तैयार इमारत के मामले में परियोजना लागत का 15 फीसदी कम हो जाएगा) उपयुक्‍त प्राधिकरण द्वारा मूल्‍यांकन के अधीन।परियोजना लागत का अधिकतम 15 फीसदी
4विनिर्माण और/या परीक्षण सुविधा के लिए संयंत्र और मशीनरी तथा पैकेजिंग (समझौते के मुताबिक पूर्ण पंजीकरण प्राप्‍त मशीनरी विनिर्माता/आपूर्तिकर्ता जिसके पास संस्‍थान/फेडरेशन से मान्‍यता प्राप्‍त बिक्री कर संख्‍या हो, उसे मशीनरी जारी की जानी चाहिएपरियोजना लागत का अधिकतम 50 फीसदी 
5कच्‍चा माल/नया डिजाइन, उत्‍पाद विविधीकरण आदिपरियोजना लागत का अधिकतम 25 फीसदी

नोटः (परियोजना लागत में भूमि का मूल्‍य शामिल किया जाना चाहिए)

लाख रुपये तक की गतिविधि के लिए

नीचे दिए गए नियमों के मुता‍बिक वित्‍तीय सहायता होनी चाहिए-


निर्माण/ढांचापरियोजना लागत का अधिकतम 15 फीसदी
संयंत्र और विनिर्माण के लिए मशीनरी और/या परीक्षण सुविधा और पैकेजिंगपरियोजना लागत का अधिकतम 50 फीसदी
कच्‍चा माल/नया डिजाइन, उत्‍पाद विविधीकरण, आदिपरियोजना लागत का अधिकतम 25 फीसदी
कौशल उन्‍नयन और प्रशिक्षण और/या उत्‍पाद सूचीपरियोजना लागत का अधिकतम 10 फीसदी

नोटः हालांकि कग और घ में दी गई राशि को जरूरत के हिसाब से कम किया जा सकता है।

वित्‍तीय सहायता के लिए प्रक्रिया

(1) 25 लाख रुपये तक की गतिविधि के लिए राज्‍य/प्रखंड अधिकारियों की परिवीक्षा समिति

25 लाख रुपये तक के ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र (आरआईएससी) की स्‍थापना और अनुदान के उद्देश्‍य के लिए राज्‍य/प्रखंड स्‍तरीय गठित की गई समिति द्वारा परियोजना प्रस्‍ताव की सिफारिश में निम्‍‍नलिखित शामिल होंगे।

(1)राज्‍य सरकार के सम्‍बन्धित निदेशक या उनके प्रतिनिधि लेकिन अतिरिक्‍त निदेशक के पद से नीचे के नहींसदस्‍य
(2)सम्‍बन्धित राज्‍य केवीआई बोर्ड के सीईओसदस्‍य
(3)राज्‍य/प्रखंड में बड़े बैंक के प्रतिनिधिसदस्‍य
(4)नाबार्ड के प्रतिनिधिसदस्‍य
(5)राज्‍य में अधिकतम कारोबार करने वाले केवीआई संस्‍थान के सचिवसदस्‍य
(6)एस एंड टी के प्रतिनिधि जो राज्‍य के करीब होंसदस्‍य
7)राज्‍य निदेशक, केवीआईसीसदस्‍य

शर्तें और संदर्भ:

  1. समिति संस्‍थान की क्रियान्‍वयन क्षमता का मूल्‍यांकन करेगी।
  2. समिति परियोजना की व्‍यावसायिक और तकनीकी संभावनाओं को जांचेगी।
  3. ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र में कार्यक्रम के निष्‍पादन का नियंत्रण और मूल्‍यांकन।

तकनीकी संभाव्‍यता

परियोजना की संभाव्‍यता का केवीआईसी/इंजीनियरिंग कॉलेज/कृषि कॉलेज, विश्‍वविद्यालय/पॉलिटेक्निक के तकनीकी इंटरफेस द्वारा अध्‍ययन किया जा सकता है। इस अध्‍ययन की लागत क्रियान्‍वयन पूर्व खर्चों में जोड़ी जा सकती है अथवा इसके लिए किसी विशेषज्ञ को शामिल किया जा सकता है जिसके पास पर्याप्‍त तकनीकी ज्ञान हो।

अनुदान का तरीका

एक बार जब 25 लाख रुपये तक की परियोजना के राज्‍य स्‍तरीय मूल्‍यांकन समिति द्वारा मंजूर कर लिया जाता है, तो राज्‍य निदेशक द्वारा उसे मुख्‍यालय के सम्‍बन्धित कार्यक्रम निदेशक को अग्रसारित कर दिया जाता है जो मामले के मुताबिक उसे एसएफसी खादी या ग्रामोद्योग के समक्ष अंतिम मंजूरी के लिए रखेगा।

अनुदान का आवंटन

परियोजना के लिए मंजूर राशि को लाभार्थी संस्‍थान को तीन किस्‍तों में दिया जाएगा और ऐसे संस्‍थान को अपनी हिस्‍सेदारी को खर्च करने के बाद किया जाएगा।

1संस्‍थान को कौशल उन्‍नयन और प्रशिक्षण और/या उत्‍पाद सूची के लिए संस्‍थान को अपनी तरफ से परियोजना के स्‍टाफ ऑपरेशन के लिए जरूरी प्रशिक्षण देना होगा जो उसके अपने खर्चों से होगापरियोजना लागत का अधिकतम 10 फीसदी 
2क्रियान्‍वयन पूर्व और मंजूरी के बाद के खर्च।
परियोजना रिपोर्ट आदि की तैयारी, आपात स्थिति, परिवहन, विविध खर्चे में लगने वाली लागत को संस्‍थान खुद खर्च करता है।
परियोजना लागत का अधिकतम 5 फीसदी
3निर्माण/ढांचा (क्रियान्‍वयन एजेंसी के पास अपनी भूमि होनी चाहिए, क्रियान्‍वयन एजेंसी के पास अपनी तैयार इमारत के मामले में परियोजना लागत का 15 फीसदी कम हो जाएगा) उपयुक्‍त प्राधिकरण द्वारा मूल्‍यांकन के अधीन।परियोजना लागत का अधिकतम 15 फीसदी 
4विनिर्माण और/या परीक्षण सुविधा के लिए संयंत्र और मशीनरी तथा पैकेजिंग (समझौते के मुताबिक पूर्ण पंजीकरण प्राप्‍त मशीनरी विनिर्माता/आपूर्तिकर्ता जिसके पास संस्‍थान/संघ से मान्‍यता प्राप्‍त बिक्री कर संख्‍या हो, उसे मशीनरी जारी की जानी चाहिएपरियोजना लागत का न्‍यूनतम 50 फीसदी 
5कच्‍चा माल/नया डिजाइन, उत्‍पाद विविधीकरण आदि।परियोजना लागत का अधिकतम 25 फीसदी 

नोटः

  1. अपवाद मामलों में 1 और 4 के तहत दी गई हिस्‍सेदारी को बदला जा सकता है, जैसा कि राज्‍य/प्रखंड मंजूरी समिति के अधीन होगा।
  2. फील्‍ड अधिकारियों की संभावित रिपोर्ट के आधार पर पहली किस्‍त जारी की जाएगी और उसके बाद की किस्‍त सम्‍बन्धित राज्‍य/प्रखंड अधिकारी द्वारा पहली किस्‍त के प्रयोग के पर्यवेक्षण के आधार पर और राज्‍य/क्षेत्रीय निदेशक की पुष्टि द्वारा जारी की जाएगी।

क्रियान्‍वयन की औपचारिकताएं

  • ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र स्‍थापित करने के उद्देश्‍य के लिए यह सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिए कि लाभ प्राप्‍त दस्‍तकारों/ग्रामीण उद्योग इकाइयों की संख्‍या 125 दस्‍तकारों/25 आरईजीपी इकाइयों/ग्रामोद्योग संस्‍थानों/25 लाख रुपये तक की परियोजना के लिए सोसायटियों से कम नहीं होनी चाहिए
  • क्रियान्‍वयन एजेंसी/संस्‍थान के पास अपनी जमीन होनी चाहिए जहां ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र स्‍थापित किया जाना है
  • परियोजना की स्‍थापना की अवधि छह महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए
  • ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र की स्‍थापना के लिए क्रियान्‍वयन एजेंसी प्रस्‍ताव के जमा करने के बाद ऊपर दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक तकनीकी संभाव्‍यता के साथ राज्‍य स्‍तरीय समिति के सामने अपनी सिफारिशों के साथ उनके प्रस्‍ताव को रखेगी।
  • राज्‍य/क्षेत्रीय निदेशक से समय-समय पर प्राप्‍त की गई कार्य रिपोर्ट की प्रगति और परियोजना की गतिविधि के आधार पर और खासकर परियोजना के समय के भीतर पूरा कर लिए जाने के आधार पर भी अनुदान जारी किए जाएंगे।
  • जिस राज्‍य में परियोजना स्थित है, उस राज्‍य के सम्‍बन्धित राज्‍य/क्षेत्रीय निदेशक परियोजना के समय पर पूरा होने और नियंत्रण और मूल्‍यांकन को सुनिश्चित करेगा।
  • परियोजना की स्‍थापना के लिए राज्‍य स्‍तरीय समिति द्वारा मंजूरी लेने के बाद राज्‍य/क्षेत्रीय निदेशक आयोग के केन्‍द्रीय कार्यालय में सम्‍बन्धित उद्योग कार्यक्रम निदेशकों को इसके बारे में बताएगा।

पर्यवेक्षण

  • आयोग का राज्‍य/क्षेत्रीय कार्यालय परियोजना के आरआईएससी के आधार के अनुसार चलने को सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर पर्यवेक्षण करेगा।
  • सम्‍बन्धित उद्योग/कार्यक्रम निदेशक परियोजना की स्‍था‍पना और उसके चालू होने पर एक बार पर्यवेक्षण करेगा।
  • वीआईसी महानिदेशालय परियोजना के शुरू होने के एक साल बाद शारीरिक जांच का प्रबंध करेगा।

पांच लाख रुपये तक की गतिविधि के लिए

पांच लाख रुपये तक के ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र (आरआईएससी) की स्‍थापना और अनुदान के उद्देश्‍य के लिए राज्‍य/प्रखंड स्‍तरीय गठित की गई समिति द्वारा परियोजना प्रस्‍ताव की मंजूरी में निम्‍‍नलिखित शामिल होंगे।

(1)राज्‍य सरकार के सम्‍बन्धित निदेशक या उनके प्रतिनिधि लेकिन अतिरिक्‍त निदेशक के पद से नीचे के नहींसदस्‍य
(2)सम्‍बन्धित राज्‍य केवीआई बोर्ड के सीईओसदस्‍य
(3)राज्‍य/प्रखंड में बड़े बैंक के प्रतिनिधिसदस्‍य
(4)नाबार्ड के प्रतिनिधिसदस्‍य
(5)राज्‍य में अधिकतम कारोबार करने वाले केवीआई संस्‍थान के सचिवसदस्‍य
(6)एस एंड टी के प्रतिनिधि जो राज्‍य के करीब होंसदस्‍य
(7)राज्‍य निदेशक, केवीआईसीसंयोजक

शर्तें और संदर्भ:

  1. समिति संस्‍थान की क्रियान्‍वयन क्षमता का मूल्‍यांकन करेगी।
  2. समिति परियोजना की व्‍यावसायिक संभाव्‍यता को जांचेगी।
  3. पांच लाख रुपये तक की परियोजना की मंजूरी।
  4. ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र में

अनुदान का आवंटन

समिति द्वारा प्रस्‍ताव की मंजूरी के बाद राज्‍य/क्षेत्रीय निदेशकों द्वारा अनुदान दो किस्‍तों में जारी किया जाएगा। परियोजना के लिए पहली किस्‍त केवीआईसी की राशि का 50 फीसदी होगा। दूसरी और अंतिम किस्‍त केवीआईसी द्वारा राशि जारी किए जाने के बाद ही की जाएगी और संस्‍थान का 50 फीसदी शेयर इस्‍तेमाल किया जाएगा।

परिचालन और कार्यक्रम का क्रियान्‍वयन

  • पांच लाख रुपये तक की परियोजना के लिए ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र की स्‍थापना के उद्देश्‍य के लिए दस्‍तकारों/ग्रामीण उद्योग इकाइयों की संख्‍या 25 दस्‍तकारों या 5 आरईजीपी इकाइयों/ग्रामीण उद्योग संस्‍थानों/सोसायटी से कम नहीं होनी चाहिए।
  • क्रियान्‍वय एजेंसी/संस्‍था के पास अपनी खुद की जमीन होनी चाहिए जहां ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र को स्‍थापित किया जाएगा।
  • परियोजना की स्‍थापना की अवधि छह महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • ग्रामीण उद्योग सेवा केन्‍द्र की स्‍थापना के लिए क्रियान्‍वयन एजेंसी द्वारा प्रस्‍ताव के जमा करने के बाद राज्‍य/क्षेत्रीय निदेशक तकनीकी संभाव्‍यता को देखेगा और राज्‍य स्‍तरीय समिति के सामने अपनी सिफारिशों के साथ उनके प्रस्‍ताव को रखेगा। तकनीकी संभाव्‍यता डीआईसी या राज्‍य कार्यालय या राज्‍य बोर्ड द्वारा की जा सकती है।
  • राज्‍य/क्षेत्रीय निदेशक से समय-समय पर प्राप्‍त की गई कार्य रिपोर्ट की प्रगति और परियोजना की गतिविधि के आधार पर और खासकर परियोजना के समय के भीतर पूरा कर लिए जाने के आधार पर भी अनुदान जारी किए जाएंगे।
  • जिस राज्‍य में परियोजना स्थित है, उस राज्‍य के सम्‍बन्धित राज्‍य/प्रखंड निदेशक परियोजना के समय पर पूरा होने और नियंत्रण और मूल्‍यांकन को सुनिश्चित करेगा।
  • परियोजना की स्‍थापना के लिए राज्‍य स्‍तरीय समिति द्वारा मंजूरी लेने के बाद राज्‍य/प्रखंड निदेशक आयोग के केन्‍द्रीय कार्यालय में सम्‍बन्धित उद्योग कार्यक्रम निदेशकों को इसके बारे में बताएगा।

कार्यक्रम कार्यान्‍वयन के चरण (5 लाख रुपये से 25 लाख तक)

  • समूहों को पहचानना
  • क्‍लस्‍टर डेवलपमेंट एजेंसी का चयन
  • एक विशेषज्ञ या एक विशेषज्ञता प्राप्‍त एजेंसी द्वारा तकनीकी संभाव्‍यता की जांच
  • परियोजना का सूत्रीकरण
  • परियोजना की स्‍वीकृति‍ और अनुदान की मंजूरी
  • पर्यवेक्षण और मूल्‍यांकन